Saturday, December 8, 2007

जीवन जो मैंने देखा

:जीने के लिए कारणों को मत खोजो , जीवन पूरा ही अकारण है , जब तक जीवन कारणों के आधार पर खड़ा रहेगा जीवन सुख , दुःख का मेल होगा , और जैसे ही हँसने और रोने के लिए कारन विदा हो जाते हैं तब ही आनंद कि गूंज हमारे प्राणों को प्रेम का रस दे सकती है "



विवेक जी " जीवन जो मैंने देखा "

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